From Mushahid - एक कमी की तलाश कर

रहने दे आसमाँ को, तू ज़मीँ पे तलाश कर,
सब कुछ तो है यहीं, तू यहीं पे तलाश कर
हर आरज़ू पूरी हो तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिए बस एक कमी की तलाश कर

मुशाहिद अब्बास

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