उमर

अकसर जब हम आपको याद करते हैं,
अपने रब से यही फ़रियाद करते हैं,
उमर हमारी भी लग जाए आपको,
हम तो वैसे भी मौत का इन्तेज़ार करते हैं

- मुशाहिद अब्बास

हमारी ज़रूरत आपकी मॊहब्बत और उसकी माफ़ी है,
अपनी उम्र हमें न लगाएँ, ख़ुदा का दिया काफ़ी है!

- हम

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