कभी तेरे दीदार से मचली थी यादें
अब तड़पती रहती हैं मसली हुई यादें
कभी तेर आँखों में खो जाती थी साँसें
अब तलाशती रहती हैं मसली हुई यादें
गूँजती जब हँसी तेरी, निखर जाती हवाएँ
अब तरसती रहती हैं मसली हुई यादें
तेरे वायदे तेरे बातों से बान्धे थे सपने
अब बीख़रती रहती हैं मसली हुई यादें
मुस्कुराता था रामेश, पनपती आशाएँ
अब सिसकती रहती हैं मसली हुई यादें
अब तड़पती रहती हैं मसली हुई यादें
कभी तेर आँखों में खो जाती थी साँसें
अब तलाशती रहती हैं मसली हुई यादें
गूँजती जब हँसी तेरी, निखर जाती हवाएँ
अब तरसती रहती हैं मसली हुई यादें
तेरे वायदे तेरे बातों से बान्धे थे सपने
अब बीख़रती रहती हैं मसली हुई यादें
मुस्कुराता था रामेश, पनपती आशाएँ
अब सिसकती रहती हैं मसली हुई यादें
Comments