कुदरत - एक गुफ़तगू

है नादान, सीख ले कुदरत से डरना,
या तो क़ुबूल कर मौत से पहले मरना.
‍ 'संजू' जामनगरी
(मुश्ताक़ का आगे भेजा हुआ)

वालदा कुदरत से क्या डरना,
कभी तो जान देना है,
जिस वालदा ने पैदा किया,
उसी ने जान लेना है!
- मैं

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