बहकाना

आ गए सू ए हरम व'इज़ के बहकाने से हम,
वरना राज़ी हमसे बुतख़ाना था और बुतख़ाने से हम|
- मुश्ताक्का रफ्तार्मंद किया हुआ

ख़बरदार: आज जो ख़ुदा के नाम से बहका रहा है
कल उसी जुनून से उस के ख़िलाफ़ भी उकसाएगा|
- मैं

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